Pune Jewellers Loot: पुणे में ‘स्पेशल 26’ फिल्म की तर्ज पर नकली आयकर अधिकारियों ने एक ज्वेलर को ठग लिया। आरोपी नकली आईटी अफसर बनकर ज्वेलर के घर पहुंचे। 36 लाख रुपए का सोना, नकदी जब्त किया और फरार हो गए। ये कहानी पूरी तरह अक्षय कुमार की फिल्म ‘स्पेशल 26’ से मिलती है। ज्वेलर को सिर्फ ज्वेलरी और नकदी की जब्ती पर शक हुआ तो उसने इनकम टैक्स विभाग में पूछताछ की। इसके बाद उसके होश उड़ गए क्योंकि ये छापा इनकम टैक्स विभाग ने नहीं मारा था। इस न्यूज के आखिर में हमने बताया है कि अगर आपके साथ ऐसा हो तो आपको क्या करना चाहिए।
दरअसल पुणे में नंदकिशोर वर्मा सोने की ज्वेलरी बनाने का काम करते हैं। पुणे के कई ज्वेलर्स के यहां उनके यहां से ही सप्लाई होती है। काम बढ़ने के कारण वर्मा एक और नई दुकान खोलने की तैयारी कर रहे थे। इसके लिए उन्होंने 20 लाख रुपए की बचत भी की थी।
वर्मा की पुलिस में शिकायत के मुताबिक 26 अगस्त को रात 9:30 बजे नंदकिशोर वर्मा अपने मित्र व्यास यादव के साथ अपने घर के सामने बातचीत कर रहे थे। इस दौरान एक कार में 8 लोग आए। इन लोगों ने वर्मा को कहा कि वो इनकम टैक्स अधिकारी हैं। इन लोगों ने वर्मा से कहा कि आप टैक्स नहीं भरते हैं और सोने का काम अवैध तौर पर करते हैं। इस कारण से आपके यहां इनकम टैक्स का छापा पड़ा है।
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शिकायत के मुताबिक अचानक हुई इस कार्रवाई से ज्वेलर घबरा गया। इन नकली अधिकारियों ने वर्मा के घर छापे की कार्रवाई की और 20 लाख नकद और 30 ग्राम सोना अपने कब्जे में लेकर सील कर दिया। इसके बाद इन लोगों ने ज्वेलर वर्मा को कार में बिठाकर अपने साथ थाने चलने के लिए कहा। कुछ दूर कार में ले जाकर नारायण मंदिर के पास इन लोगों ने वर्मा को उतार दिया और आईटी ऑफिस आने के लिए कहा।
इस तरह अचानक हुई कार्रवाई से ज्वेलर को शक हुआ। इसके बाद उसने अपने सीए को सारी बात बताई। सीए और नंदकिशोर वर्मा और उनका मित्र व्यास यादव थाने में शिकायत के लिए पहुंचे। भारती विद्यापीठ थाने के पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत जांच शुरू की। इसके बाद जांच में पता चला कि ज्वेलर नंदकिशोर वर्मा ने नई दुकान खोलने की बात अपने मित्र व्यास यादव को बताई थी।
पुलिस को शक हुआ तो उसने व्यास यादव को हिरासत में लेकर कड़ी पूछताछ की। इसके बाद पूरी लूट का खुलासा हुआ। दरअसल यादव को वर्मा के नई दुकान खोलने की जानकारी थी। उसको लगा कि वर्मा के पास बहुत पैसा है। इस कारण से उसने अपने करीबी लोगों के साथ मिलकर वर्मा को लूटने की योजना बनाई।
ये लोग अधिकारी जैसे दिखें इसके लिए आरोपियों ने नए कपड़े भी खरीदे थे। पुलिस के मुताबिक यादव ने बताया कि वो कई महीनों से इस लूट की प्लानिंग कर रहा था। पुलिस के पूछताछ में उसने बताया कि लूट के अन्य आरोपी कोल्हापुर में है। इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाकर इन लोगों को पकड़ लिया। पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किए गए लोगों में 3 आरोपी सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।
पुलिस ने व्यास गुलाब यादव, शाम अच्युत तोरमल, भैय्यासाहेब विठ्ठल मोरे, किरण कुमार नायर, मारुति अशोक राव सोलंके, उमेश अरुण उबाले, अशोका जगन्नाथ सावंत, सुहास सुरेश थोरात, और रोहित संभाजी पाटिल को गिरफ्तार किया।
अगर आपके साथ ऐसा हो तो आप क्या करें
- सबसे पहले आईटी अधिकारियों के आई कार्ड मांगे
- इस तरह का छापे में स्थानीय पुलिस को भी साथ रखा जाता है आप वहां पूछताछ कर सकते हैं
- स्थानीय इनकम टैक्स ऑफिस, जीएसटी ऑफिस और पुलिस के अधिकारी का मोबाइल नंबर अपने पास रखें
- जब आपके यहां इस तरह की कोई कार्रवाई हो तो इस नंबर पर कॉल कर एक बार पूछताछ जरूर करें
- सबसे बड़ी बात अगर आप कोई नया काम करने जा रहे हैं तो जब तक वो पूरा न हो जाए तब तक अपनी बात को ज्यादा लोगों को न बताएं
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