गोल्ड प्राइस टुडे ने वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की भारत के सीईओ सचिन जैन से काउंसिल की योजनाओं के बारे में जाना। साथ ही सोने की ड्यूटी और जीएसटी पर भी राय ली। सचिन जैन के मुताबिक आज युवाओं को गोल्ड से जोड़ना होगा साथ ही ज्वेलरी इंडस्ट्री को टेक्नोलॉजी और AI (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) को बिजनेस में अपनाकर लीड लेनी होगी।
वीरेन्द्र: सोने पर बजट में ड्यूटी घटाना कितना जरूरी था?
सचिन जैन: जी सरकार से हमारी इस पर बात बहुत लंबे समय से चल रही थी। यह हमारी इंडस्ट्री के लिए बहुत बड़ा पॉजिटिव स्टेप है। इससे दो या तीन प्रकार की चीज होगी। एक तो जो स्मगल गोल्ड है और जो नेक्सस है उस पर एक निगेटिव इंपेक्ट आएगा जो कि एक अच्छी चीज है। हर रिटेलर एक पैरिटी के साथ काम कर पाएगा। साथ ही हमारे प्रधानमंत्री का विकसित भारत का सपना है 2047 का जिसमे हमारी व्हाइट इकोनॉमी होगी और प्रोग्रेसिव इकोनॉमी होगी तो वो एक स्टेप हमको उसकी तरफ एक डायरेक्टशन तक लेकर जाएगा। इसका असर कंज्यूमर डिमांड पर बहुत पॉजिटिव तरीके से आएगा। इस तिमाही में बी2बी ज्यादा कारोबार होगा वहीं अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर हमारे हिसाब से इस फेस का एक बहुत महत्वपूर्ण तिमाही होगी।
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वीरेंद्र: गोल्ड डिमांड के दूसरी तिमाही में ट्रेंड कैसे हैं।
सचिन जैन: अगर ग्लोबली देखें तो इस तिमाही में हमारे पास करीब 1258 टन की खपत हुई है। ये ऐतिहासिक है। भारत में दूसरी तिमाही में 149.7 टन की मांग रही है। इसमें 5 फीसदी की गिरावट रही है। ज्वेलरी की डिमांड 106.5 टन और वैल्यू के हिसाब 68000 करोड़ की खपत रही। वहीं इन्वेस्टमेंट डिमांड 43.1 टन रही। इसमें 46 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
वीरेन्द्र: क्या सोने पर जीएसटी बढ़ने वाला है?
सचिन जैन: मेरा कहना यह है कि पहले तो जो खुशी की खबर है उसको हमें एंजॉय करना चाहिए ना कि आगे क्या होगा इसको लेकर घबराना चाहिए। सीजन हमारे सामने है कस्टमर हमारी दुकान में हम फोकस करके अच्छा प्रोडक्ट बनाए और आज के समय में रहें। आगे जो होगा उसे तब देखेंगे। पहले जो 3 फीसदी जीएसटी तय हुआ था उसमें सवा साल का समय लगा था। सरकार ऐसा कोई भी कदम उठाएगी तो पूरी इंडस्ट्री को साथ में लेकर करेगी।
वीरेन्द्र: फेडरल रिजर्व कब तक ब्याज दरों में कटौती कर सकता है?
सचिन जैन: ये चर्चा काफी समय से चल रही है। फेड रेट कट तो करेगा पर 0.25 फीसदी करेगा या क्या करेगा ये मार्केट में चल रहा है। हमने पीछे भी देखा है कि जब-जब रेट घटता है तो उससे सोने की डिमांड बढ़ती है। रेट कट से सोने की इन्वेस्टमेंट डिमांड बढ़ेगी।
वीरेन्द्र: आगे सोने के भाव का क्या ट्रेंड रह सकता है?
सचिन जैन: पिछली तिमाही में जियो पॉलिटिकल टेंशन, डीडॉलराइजेशन के कारण तेजी आई। सोने ने काफी अच्छा रिटर्न दिया है। 12 से 15 फीसदी रिटर्न दिया है। सोने में लोगों का काफी इंटरेस्ट है। अगर हम सब कारण देखें तो ट्रेंड पॉजिटिव ही रहेगा। अब कितना बढ़ेगा ये देखने वाली बात होगी।
वीरेन्द्र: इस साल कितना सोना इंपोर्ट होने की संभावना है?
सचिन जैन: इस साल हम 750 टन सोना इंपोर्ट कर सकते हैं।
वीरेन्द्र: वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल आगे कौन सा कदम उठा रहा है?
सचिन जैन: हमने ईटीएफ का कैंपेन शुरू किया है। हम ज्वेलरी इंडस्ट्री को एक हाइवे देना चाहते हैं जिस पर पूरी इंडस्ट्री चले। हम यंग जनरेशन को को गोल्ड से कनेक्ट करना चाहते हैं। अगर हमें युवा लोगों को अपने साथ जोड़ना है तो हमें उनका मीडियम समझना होगा। हमें उनके साथ इमोशनली कनेक्ट करना होगा। आप 2 से 3 महीने में इसका रिजल्ट देखना शुरू करेंगे। इसके लिए बहुत रिसर्च कर रहे हैं सारे रिटेलर्स को साथ लेकर चलेंगे।
वीरेन्द्र: ज्वेलर्स को टेक्नोलॉजी और AI को क्यों अपनाना चाहिए?
सचिन जैन: मेरी पिछली कंपनी में हीरों की ऑनलाइन बिक्री पर 10-15 साल पहले हम कई मंचों पर बोलते थे की डामयंड का ऑनलाइन बिक्री से कोई लेना देना नहीं है। वहीं आज अगर आप देखो तो हर बड़े रिटेलर या कंपनी की टॉपलाइन 15 से 20 फीसदी सिर्फ ऑनलाइन से रहती है। एक इंडस्ट्री के तौर पर हम उसको उस समय लीड नहीं कर पाए हम फॉलो कर रहे थे। मेरी एक इंडस्ट्री के तौर पर इच्छा है कि इस फेज में हम लीड करें और आगे बढ़ें। आज के समय में आपको ट्रायल करना पड़ेगा कुछ में सफल होंगे कुछ में नहीं होंगे पर प्रयास करना पड़ेगा। मेरी इच्छा है कि हमारी इंडस्ट्री आगे बढ़े प्रयास करे और हमें इसमें लीडर बन कर उभरना चाहिए।