Saturday, September 21, 2024
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TCS New Rule: TCS काटने का नया नियम 1 अक्टूबर 2020 से, बुलियन डीलर्स, ज्वेलर्स में खलबली

TCS New Rule 2020: सरकार TCS (Tax Collected at Source) काटने का नया नियम 1 अक्टूबर 2020 से लागू करने जा रही है। इस नए नियम को लेकर बुलियन डीलर्स और ज्वेलर्स में खलबली मच गई है। बात यहां तक बढ़ गई है कि अब IBJA (India Bullion and Jewellers Association) ने इस पर वित्त मंत्रालय से सफाई मांगी है। वहीं ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन (AIJGF) ने तो इसका विरोध शुरू कर दिया है। क्या है ये नया नियम और ज्वेलर्स और बुलियन डीलर्स पर इसका क्या असर होगा आइए जानते हैं।

दरअसल फाइनेंस एक्ट 2020 में सरकार ने सेक्शन 206C (1H) नाम का नया प्रावधान जोड़ा है। इसमें सामान (Goods) पर 1 अक्टूबर 2020 से टीसीएस लेना है। नियम के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष में किसी भी सामान की बिक्री करने वाले (Seller)का टर्नओवर अगर 10 करोड़ रुपए से ज्यादा रहा है तो उसे ऐसे ग्राहक जिसने उससे 50 लाख रुपए से ज्यादा का माल लिया है तो उस ग्राहक से 0.1 फीसदी (31 मार्च 2021 तक 0.075 फीसदी ही काटना है) टीसीएस काटना होगा और सरकार को जमा कराना होगा।

आइए आसान भाषा में समझते हैं पहली शर्त है पिछले वित्तवर्ष में कारोबारी का टर्नओवर 10 करोड़ से ज्यादा होना चाहिए। दूसरी शर्त है आपसे एक खरीदार 50 लाख रुपए से ज्यादा का सामान खरीदता है तो ही टीसीएस काटना है और सरकार को जमा करना है। अगर कोई 50 लाख से कम का सामान खरीदता है तो टीसीएस नहीं काटना है। एक बात और ध्यान देने लायक है कि 30 सितंबर 2020 तक की की गई बिक्री पर कोई टीसीएस नहीं काटना है।

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अब इस नियम से बुलियन ट्रेडर्स में खलबली क्यों मची है ये जानने की कोशिश करते हैं। बुलियन ट्रेडर्स बहुत कम मार्जिन पर काम करते हैं और सोने की कीमत ज्यादा होने के कारण उनका टर्नओवर भी 10 करोड़ से ज्यादा ही रहता है। मान लीजिए 1 बुलियन ट्रेडर्स ने 1 किलो सोना 5300000 लाख रुपए में एक ज्वेलर को बेचा।

अब ये बिक्री 50 लाख से ऊपर है इसलिए बुलियन ट्रेडर को 0.1 फीसदी टीसीएस काटना है जोकि 5300 रुपए होगा। इसको बुलियन डीलर आपसे मतलब ज्वेलर से वसूलेगा। सीधा गणित ये है कि आपने 50 लाख से ऊपर की खरीद की तो टीसीएस का सीधा फटका आपके ऊपर पड़ने वाला है।

बुलियन डीलर लाखों का व्यापार करते हैं इसलिए इनका मार्जिन ज्यादा नहीं होता है। अगर वो इसे ज्वेलर्स से वसूलेंगे तो उनको भी दिक्कत होगी क्योंकि 1 किलो सोने पर अभी के भाव से सीधे 5300 रुपए का झटका लगने वाला है।

इस मुद्दे पर ज्वेलर्स की संस्था IBJA (India Bullion and Jewellers Association)ने ट्विट कर वित्त मंत्रालय और इनकम टैक्स विभाग के सामने उठाया है वहीं AIJGF ने इसका ट्विटर पर विरोध किया है। इसमें लिखा है कि ‘1 अक्टूबर से लगने वाले TCS का सभी व्यापारी विरोध करते हैं ये हमें मंजूर नहीं।’

AIJGF का TCS विरोध का ट्विट

IBJA ने अपने ट्विट में लिखा है कि एक तरफ तो रिजर्व बैंक कोविड के कारण वर्किंग कैपिटल को रिस्ट्रक्चर कर नकदी बढ़ाने का प्रयास कर रहा है वहीं इनकम टैक्स विभाग के सामान के बेचने और खरीदने पर टीसीएस के ताजा प्रावधान से कारोबारी घरानों की वर्किंग कैपिटल ब्लॉक हो जाएगी। भारत में वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के एमडी सोमसुंदरम पीआर ने इस ट्विट के जवाब में लिखा है कि बुलियन में कम मार्जिन के कारण टीसीएस लगने से छोटे खिलाड़ी बाहर हो जाएंगे।

IBJA का TCS पर ट्विट

IBJA ने ट्विट कर वित्त मंत्रालय और इनकम टैक्स विभाग के सामने उठाया है। उन्होंने इस मुद्दे पर सफाई मांगकर पूछा है कि जो सामान कमोडिटी एक्सचेंज पर ट्रेड होता है और जहां पर एक्सचेंज को एडवांस में पेमेंट दिया जाता है वहां किस तरह से टीसीएस का प्रावधान काम करेगा।

IBJA का TCS की सफाई पर ट्विट

सीए निशांत सिंगला के मुताबिक इसमें एक नियम ये भी है कि अगर खरीदार अपना पैन या आधार नंबर नहीं देगा तो TCS 0.1 फीसदी के बदले 1 फीसदी काटना होगा। 31 मार्च 2021 तक 0.075 फीसदी टीसीएस काटने की छूट दी गई है।

इस मुद्दे को लेकर ज्वेलर्स और बुलियन डीलर्स के व्हाट्सएप ग्रुप में संदेश आना शुरू हो गए हैं। इस मुद्दे पर कई ज्वेलर्स और बुलियन डीलर्स ने सराफा एसोसिएशन के जरिए अपने को इस नियम से बाहर करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। वो लोग ज्वेलर्स को इस दायरे से बाहर करने की मांग कर रहे हैं।

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