Jewellers: आज हम आपकी जिंदगी और कारोबार से जुड़े बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दे ‘क्या ज्वेलर्स को उधारी बंद कर देनी चाहिए’ इस पर चर्चा करेंगे। अगर आप मॉल में जा रहे हैं या किसी बड़े शोरूम से खरीदारी कर रहे हैं तो आपको नकद में ही खरीदारी करनी होती है लेकिन सुनार और ज्वेलर्स की दुकान में सोने (Gold), चांदी (Silver) के गहनों की बड़े पैमाने पर उधारी होती है।
लोग लाखों का जेवर उधार में ले जाते हैं। ज्वेलर्स में आपस में भी उधारी चलती है। कोरोना के कारण सराफा में कारोबार ठप पड़ा है। इस बीच ज्वेलर्स में ये चर्चा चल पड़ी है कि ‘क्या इस समय में उधारी को बंद कर देना चाहिए?’
उधार हर कारोबार में चलता है। कारोबारी विश्वास के आधार पर उधार सामान दे देते हैं पर कई बार ये उधारी उनके गले की हड्डी बन जाती है। ज्वेलरी सेक्टर में उधारी बहुत चलती है। ग्राहक से उधार मांगने जाओ तो वो देता नहीं है उपर से ग्राहकी अलग बिगड़ती है। तो उधार देने में कई बार ज्वेलर्स को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। इस बात का अनुभव आप सबने किया है।
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कई शहरों के सराफा मार्केट में ज्वेलर्स की दुकानें भी खुलने लगी हैं। पिछले 3 महीने में सोने के भाव (Gold Price) और चांदी का रेट (Silver Price) आसमान पर पहुंच गए हैं। इस कारण से ज्वेलर्स भाईयों में पहले से ही कारोबार कम होने का डर बैठा हुआ है।
ऊपर से शादी ब्याह का सीजन भी पूरा निकल गया और कारोबार कुछ भी नहीं हुआ। अगर अब उधार में जेवर की बिक्री की तो कारोबार पूरा ही ठप हो जाएगा। ऐसे में ज्वेलर्स में चर्चा हो रही है कि आगे कारोबार बढ़ाने के लिए क्या उपाय करने चाहिए।
‘क्या ज्वेलर्स को उधार बंद कर देना चाहिए?’ इस पर गोल्ड प्राइस टूडे (Gold Price Today)ने फेसबुक पर ज्वेलर्स के बीच एक सर्वे भी किया। सर्वे में 95 फीसदी ज्वेलर्स का मत था कि अब उधारी बंद कर देनी चाहिए। इसका अर्थ है ज्वेलर्स इस बात पर एकमत है कि उधारी पर जेवर बेचना बंद कर देना चाहिए।
सर्वे में कुछ ज्वेलर्स का मानना था कि उधार के बिना काम नहीं चलता है। ज्वेलर्स कहते तो हैं कि वो उधारी नहीं करेंगे पर जब मौका आता है तो उधार में माल दे देते हैं। कुछ लोगों की राय है कि अब अगर उधार में माल बेचा तो कारोबार पूरी तरह से बंद होने की नौबत आ जाएगी। ये दिक्कत छोटे ज्वेलर्स के साथ ज्यादा है। बड़े शोरूम वाले ज्वेलर्स के यहां नकदी में ही काम होता है।
तो अब कारोबार कैसे किया जाए। इस पर हमने बड़े ज्वेलर्स की राय ली। कुछ सुनार भाईयों के मुताबिक अब कम मार्जिन में बिक्री नहीं करनी चाहिए। अपना निश्चित मार्जिन बचाकर ही कारोबार करें। बेफिजूल के खर्च बंद कर अब पूंजी को सिर्फ कारोबार बढ़ाने में लगाएंगे तो फायदे में रहेंगे।
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मुंबई के ज्वेलर कुमार जैन के मुताबिक उधारी का काम बंद होना सराफा कारोबारियों के हित में है। नकदी में काम होने से कारोबार में रोटेशन बना रहता है। उनके मुताबिक अगर होलसेलर ने रिटेलर को माल दिया है और पेमेंट नहीं आया और फिर से उधारी होगी तो पूरा रोटेशन खराब हो जाता है।
उनके मुताबिक उधारी में एडवांस चेक ले लेना चाहिए। जैन ने कहा कि अभी लोगों के पास पैसा नहीं है दूसरी तरफ माल भी अटका पड़ा है। उनके मुताबिक कम काम करें पर नकदी में करेंगे तो सभी के लिए अच्छा रहेगा।
चंडीगढ़ सराफा एसोसिएशन के सूरज चौहान के मुताबिक माल की उधारी आपसी व्यवहार पर निर्भर करती है। अगर आप किसी को उधार देते हैं तो उसका व्यवहार देखें उसकी मार्केट में क्रेडिट देखें। अगर आप उधार दे रहे हैं तो एक लिमिट तय कर लें।
उतनी लिमिट तक ही उधार दें। ये उधार भी अच्छी क्रेडिट वाले ग्राहकों को ही दें। अगर इससे बाहर आपने उधार दिया तो कारोबार पर असर पड़ना निश्चित है। आप उतना ही उधार दें जितने का घाटा सहन कर सकें।
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कोरोना के बाद वैसे ही कम ग्राहकी होने वाली है फिर बारिश का सीजन है। उपर से सोने के भाव भी तेज हो रहे हैं। सुनार भाईयों अभी कई तरह के कारण है जो उधारी में कारोबार करने के पक्ष में नहीं है। इसलिए उतनी उधारी करें जितनी आप संभाल सकते हैं।
कोरोना के बाद कारोबार पूरी तरह से बदलने वाला है इसलिए बहुत ध्यान से काम करें। हो सके तो ‘आज नकद, कभी उधार नहीं’ के फॉर्मेले पर काम करें। कुछ ज्वेलर्स ने इस फॉर्मूले पर काम शुरू भी कर दिया है।