Jeweller Suicide: इस शहर में आर्थिक तंगी से परेशान ज्वेलर ने उठाया भयानक कदम, 2 बच्चों, पत्नी को जहर देकर आत्महत्या की

Jeweller Sucide Raisen, ज्वेलर आत्महत्या: आर्थिक तंगी और व्यापार में नुकसान से परेशान होकर एक ज्वेलर ने अपनी पत्नी और 2 छोटे बच्चों को जहर देकर आत्महत्या कर ली। पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है। ये घटना मध्यप्रदेश के रायसेन जिले की है। घटना स्थल से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। पूरी खबर नीचे पढ़िए

रायसेन जिले की बाड़ी तहसील में हिंगलाज रोड पर रहने वाले जितेंद्र सोनी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने आत्महत्या से पहले अपने दोनों बेटे और पत्नी को जहर दिया। जहर के कारण जितेंद्र सोनी की पत्नी रिंकी सोनी और उनका 12 साल के बेटे वैष्णव सोनी की मौत हो गई।

वहीं उनके छोटे बेटे कार्तिक सोनी की हालत गंभीर है। जितेंद्र ने सुसाइड नोट में लिखा है कि मैं अकेला चला गया तो परिवार का क्या होगा। जमाना बेकार होने की बात लिखी है। इस कारण से उन्होंने अपने परिवार को भी जहर दे दिया। उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा है कि कारोबार भी खत्म हो रहा है कुछ समझ में नहीं आ रहा है।

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कार्तिक सोनी का भोपाल में इलाज चल रहा है। दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक जितेंद्र सोनी बाड़ी में बालाजी ज्वेलर्स नाम की दुकान चलाते थे। मोहल्ले वालों के मुताबिक जितेंद्र की कोई बुरी आदत नहीं थी। घटना का पता सुबह 7 बजे चला। जितेंद्र के कमरे से सुबह छोटे बच्चे के कराहने की आवाज सुनाई दी।

घरवालों ने कमरा खोला तो घटना का पता चला। इसके बाद तुरंत पुलिस को सूचना देकर बुलाया गया। छोटे बेटे को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। घटना के बाद एसपी अमृत लाल मीणा घटनास्थल पर पहुंचे थे। उन्होंने वहां से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया।

इस सुसाइड नोट में लिखा है कि ”मैं बहुत परेशान हूं। मेरा बिजनेस भी खत्म सा हो रहा है। कुछ समझ ही नहीं आ रहा क्या करना है। मैं अपनी पत्नी और बच्चों से बहुत प्यार करता हूं। मैं ऐसी जिंदगी नहीं जी सकता। मैं बहुत सोचकर कदम उठा रहा हूं। मैं अकेला चला गया तो मेरे परिवार का क्या होगा। यह जमाना बहुत बेकार है। इसमें किसी की गलती नहीं है। किसी को भी परेशान नहीं किया जाए। इन सबका जिम्मेदार मैं खुद हूं और सबसे बड़ा जिम्मेदार वो जो मेरे परिवार की ब्लॉक वाली जमीन दे। जो मेरे परिवार वालों को अबतक नहीं मिली। कब तक सरकार से लड़ें, पीढ़ियां निकल रही हैं, पर देखने वाला कोई नहीं है। अगर सही समय पर निर्णय होता, तो हो सकता था कि मैं कभी ऐसा करने की नहीं सोचता। मेरी बात सरकार तक पहुंचाने में मेरी मदद करें। जमीन मेरे परिवार को मिले, जिससे उनकी स्थिति ठीक हो। घर वालों को कभी मुझसे ऐसी उम्मीद नहीं होगी लेकिन मेरे सामने कोई और रास्ता नहीं दिख रहा। मुझे माफ कर देना। नीरज, पंकज मम्मी-पापा जी का अच्छे से ध्यान रखना। उन्हें कोई परेशानी ना हो। उन्हें अपने साथ ले जाना। जिससे लोगों की बातें उन्हें ना सुननी पड़े।”

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चर्चा में ज्वेलर्स ने बताया कि कारोबार में नफा-नुकसान चलता रहता है। इसलिए इस तरह का कदम किसी भी हालत में नहीं उठाना चाहिए। अपने नजदीकी लोगों और करीबी दोस्तों से चर्चा करनी चाहिए। उन्हें अपनी परेशानी बतानी चाहिए। इससे समस्या का कुछ ना कुछ हल निकल आता है। किसी भी हालत में हताश नहीं होना चाहिए। जीवन रहा तो रुपया-पैसा और कमाया जा सकता है। इसलिए आर्थिक हालत खराब होने पर ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए।

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