Gold Policy India: गोल्ड पॉलिसी जल्द आने वाली है, जानिए खास बातें

Gold Policy India

नई दिल्ली: भारत की पहली गोल्ड पॉलिसी के लिए तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। इस पॉलिसी का मकसद देश में लोगों के पास छिपे सोने को बाहर लाना है। भारत में अब तक कोई भी ऐसी पॉलिसी या नियम कामयाब नहीं हुआ जो लोगों के पास रखे सोने को निकाल सके।

भारत में लोगों के घरों में करीब 24 हजार टन सोना पड़ा है। ये सोना देश की इकोनॉमी के काम नहीं आ रहा है। लोगों के घर पर रखे सोने से उनको भी कोई खास फायदा नहीं हो रहा है।

इस सोने का अगर 10 फीसदी भी सिस्टम में आ जाए तो देश की इकोनॉमी को बड़ा सहारा मिलेगा। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने गोल्ड पॉलिसी बनाने की योजना बनाई। इस पॉलिसी में कई चीजों को शामिल किया गया है।

इन लोगों ने बनाया है पॉलिसी का ड्राफ्ट

गोल्ड पॉलिसी का ड्राफ्ट जल्द जारी होने वाला है। इस पॉलिसी को बनाने में इंडिया गोल्ड पॉलिसी सेंटर और वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का बड़ा योगदान है। आईजीपीसी के चेयरमैन अरविंद सहाय ने पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार करने में सहयोग दिया है।

गोल्ड पॉलिसी में शामिल हैं ये चीजें

  • इस पॉलिसी में मौटे तौर पर 5 चीजों को शामिल किया गया है। इसमें सबसे बड़ा कदम है शेयर बाजार की तरह ही सोने की ट्रेडिंग के लिए स्पॉट एक्सचेंज का सुझाव दिया गया है। इसका अर्थ है अभी आप जैसे शेयर मार्केट में शेयर की ट्रेडिंग करते हैं वैसे ही सोने की भी ट्रेडिंग हो सकेगी।
  • पॉलिसी में दूसरा बड़ा सुझाव है गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में बदलाव करना है। गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम 2015 में लॉन्च के बाद से सफल नहीं हो पाई है। इस स्कीम में लोगों को 2.5 फीसदी ब्याज मिलता है। इसके बावजूद लोगों ने इस स्कीम में रूचि नहीं दिखाई।
  • गोल्ड पॉलिसी में बुलियन बैंकिंग को मंजूरी देने की बात भी है। अभी बैंक सोने की खरीद नहीं करते हैं। वो सिर्फ सोना बेचते हैं। यहां तक की बैंक अपना बेचा हुआ सोना भी नहीं खरीदते हैं। पॉलिसी में बैंकों को सोने के कारोबार की मंजूरी मिलेगी।
  • स्पॉट एक्सचेंज शुरू होने से बैंकों को इस तरह के कारोबार में सुविधा मिलेगी। पॉलिसी में सोने की हॉलमार्किंग और सर्टिफिकेशन के नियम बनाने की भी बात है। इसके अलावा ज्वेलरी एक्सपोर्ट से जुड़े कुछ सुझाव भी इसमें है।

आने वाले 2 से 3 महीनों में चुनाव है। ऐसे में गोल्ड पॉलिसी अटकने की संभावना भी है। हालांकि जानकारों का मानना है कि अगर मौजूदा सरकार के अलावा दूसरी सरकार भी आती है तो वो इस पॉलिसी के साथ ज्यादा छेड़छाड़ नहीं करेगी। आखिर सोना देश के ही काम आने वाला है।