Tuesday, December 24, 2024
Google search engine
HomeJewellers NewsGold jewellery Hallmark: सोने की हॉलमार्किंग अनिवार्य करने में होगी देरी, जानिए...

Gold jewellery Hallmark: सोने की हॉलमार्किंग अनिवार्य करने में होगी देरी, जानिए क्यों?

Gold jewellery Hallmarking: सोने की हॉलमार्किंग को अनिवार्य करने में देरी हो सकती है। दरअसल इसमें एक टेक्नीकल पेंच फस गया है। पूरे देश में एक ही तरह का सोना बिके इसके लिए सरकार ने सोने की बीआईएस हॉलमार्किंग का फैसला लिया है।

इसके तहत 22 कैरेट, 18 कैरेट और 14 कैरेट गोल्ड के लिए हॉलमार्किंग के मानक तय कर लिए गए हैं। इस प्रस्ताव को वाणिज्य मंत्रालय ने 1 अक्टूबर को मंजूरी भी दे दी है। फिलहाल सोने शुद्धता का प्रमाण देने वाली हॉलमार्किंग स्वैच्छिक आधार पर लागू है। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने ये जानकारी दी।

इसे अनिवार्य करने से पहले विश्व व्यापार संगठन (WTO)को सूचित करना जरूरी है। दरअसल भारत WTO का सदस्य है। अगर कोई भी सदस्य देश अपने यहां क्वालिटी कंट्रोल आदेश को लागू करता है तो उसे WTO को जानकारी देनी होती है।

नोट: सोने चांदी के भाव और न्यूज के रोजाना अपडेट के लिए अपने शहर का नाम 8448469588 पर व्हाट्सएप कर बताएं।

ये जानकारी WTO के हर सदस्य के पास जाती है। इसके बाद इन देशों को जवाब देने के लिए समय चाहिए होता है। इसलिए इस प्रक्रिया में 2 महीने का समय लगता है।

इस हिसाब से सोने की अनिवार्य हॉलमार्किंग दिसंबर 2019 तक लागू नहीं हो पाएगी। अगर इसमें थोड़ी और देरी हुई तो ये अगले साल 2020 में ही लागू हो पाएगी।

दिवाली तक सोने, चांदी का भाव कितना रहेगा, यहां जानिए

इस समय देश में सोने की हॉलमार्किंग करने वाले 800 सेंटर है। इसमें सिर्फ 40 फीसदी ज्वेलरी की ही हॉलमार्किंग होती है। कई सेंटर धड़ल्ले से नकली सोने की हॉलमार्किंग भी कर रहे हैं। इस पर पूरे देश में BIS ने अभियान चला रखा है और नकली हॉलमार्किंग करने वालों की पकड़ की जा रही है।

दरअसल सोने की शुद्धता ग्राहक की विश्वयसनियता का मामला होता है। अगर नकली सोने की हॉलमार्किंग की जाती है तो ग्राहक का विश्वास उठ जाता है।

कई ज्वेलर्स के मुताबिक अभी सरकार के पास अनिवार्य सोने की हॉलमार्किंग में समय है ऐसे में नकली हॉलमार्किंग करने वालों की धरपकड़ और तेज होनी चाहिए।

गोल्ड, सिल्वर के ताजा भाव और खबरों के लिए हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करें।

दरअसल हॉलमार्किंग अनिवार्य होने के बाद भारत जो भी ज्वेलरी एक्सपोर्ट करेगी उसमें हॉलमार्क होगा। ऐसे में नकली हॉलमार्क होने पर उस ज्वेलर और हॉलमार्क लगाने वाले को दिक्कत हो सकती है। इसलिए अब नकली ज्वेलरी की हॉलमार्कंग करने वालों की धरपकड़ और सख्त हो सकती है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular