Gold Business: मंदी में कारोबार बढ़ाने के टिप्स चंडीगढ़ सराफा एसोसिएशन के सूरज चौहान से जानिए

Suraj Chohan advice

Gold Jeweller: सराफा बाजार में कारोबार को लेकर हर जगह मंदी की चर्चा है। ऐसे में एक ज्वेलर सूरज चौहान है जो कह रहा है इस समय घबराने की जरूरत नहीं है सकारात्मक माहौल बनाए रखने की जरूरत है।

गोल्ड प्राइस टूडे सराफा कारोबारियों को सलाह देने के लिए नई सीरीज शुरू कर रहा है। इसमें हम अनुभवी ज्वेलर्स के इंटरव्यू के जरिए सोने, चांदी के कारोबारी अपना बिजनेस कैसे बढ़ा सकते हैं इस पर सलाह देंगे।

आज हमने चंडीगढ़ सराफा एसोसिएशन के गवर्निंग मेंबर और IBJA से जुड़े हुए ज्वेलर सूरज चौहान से बातचीत की। उनके मुताबिक कारोबार में तेजी, मंदी और उतार-चढ़ाव आते रहते हैं इसलिए ज्वेलर्स को नकारात्मक तौर पर नहीं सोचना चाहिए।

आगे सीजन आ रहा इसलिए इसकी तैयारी में जुटे रहना चाहिए। चौहान के मुताबिक अगले साल सोने का भाव कितना रह सकता है नीचे जानिए।

चौहान ने कहा कि हर ज्वेलर को अपनी दुकान में एक फीडबैक बुक रखनी चाहिए। खरीदारी करने के बाद आपकी दुकान को लेकर ग्राहक का क्या अनुभव है ये उसे फीडबैक बुक में लिखने के लिए कहें।

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उनके मुताबिक ज्वेलर्स के लिए ग्राहक ही भगवान है इसलिए हर ग्राहक से आपको रिश्ता बना कर रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी ग्राहक को छोटा या बड़ा न समझें।

इसमें उनके मोबाइल नंबर और ईमेल की जानकारी भी रखें। इससे आपके ग्राहकों का डेटाबेस बनना शुरू हो जाएगा। अब आप फेस्टिवल सीजन में नए डिजाइन, भाव में ज्यादा उतार-चढ़ाव की जानकारी इन ग्राहकों को दे सकेंगे। अपने ऑफर और डिस्काउंट के मैसेज भी इनको भेज सकते हैं।

उन्होंने कहा कि ये रोज-रोज नहीं करना है इससे आपका ग्राहक परेशान भी हो सकता है। इसलिए हफ्ते में 1 बार या 15 दिन में 1 बार मैसेज भेज सकते हैं या अपने हिसाब से समय तय कर सकते हैं। वैसे भी एक आम ग्राहक साल में 2 से 3 बार ही खरीदारी करता है।

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सूरज चौहान ने कहा कि पुराने समय में ज्वेलर भाई लोग घरों में जाते थे पीढ़ियों से रिश्ता बनाकर रखते थे। अब तो उनको इन्वेस्टर जैसा माना जाने लगा है बस दुकान में चाय पानी पूछ लिया जाता है। ज्वेलर्स के लिए साल में 2 या 3 बार ही सीजन आता है ऐसे में आपका अगर इस बात का ध्यान रखेंगे तो आपको ग्राहकी बढ़ाने में आसानी होगी।

उन्होंने कहा कि ज्वेलर्स को ही बैंक लोन, दुकान किराया, बिजली, स्टाफ, पैकिंग मटेरियल, लेबर का खर्चा निकालना होता है। चौहान ने सलाह दी की मंदी में देखा-देखी कर ज्यादा डिस्काउंट में माल न बेचेंअपना मार्जिन रखकर ही माल बेचना चाहिए। आगे सीजन आने वाला है। इसलिए उसकी तैयारी भी जरूरी है।

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चौहान के मुताबिक भेड़चाल में खोटा माल बेचना भी ठीक नहीं है। ग्राहक अच्छी सर्विस मांगता है। उन्होंने उदाहरण देकर कहा कि एक-दो सैंपल खोटा माल के रखो और ग्राहक को दिखाओ की ये खोटा है मान लो इसकी कीमत 1000 रुपए है। पर ये दूसरा प्योर है जिसकी कीमत 1300 रुपए है। बाद में बेचने आओगे तो प्योर की कीमत ही मिलेगी खोटे की कीमत नहीं मिल सकेगी। ग्राहक को समझाना जरूरी है।

अपना ब्रांड बनाएं और पैकेजिंग पर ध्यान दें। चौहान के मुताबिक अगर ‘आप शुद्ध माल बेचो तो आप भी तनिष्क हो’। ब्रांडिग से ग्राहक आकर्षित होता है। इसके लिए आपको ज्यादा खर्च की जरूरत भी नहीं है।

सूरज चौहान के मुताबिक अभी सोने और चांदी में और तेजी आ सकती है इसलिए खरीदारी से झिझकना नहीं चाहिए। उनके मुताबिक अगले साल सोने का भाव 42 से 45 हजार रुपए के लेवल पर जा सकता है।

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सूरज चौहान ने कहा कि उनके मुताबिक चांदी के भाव में भी बड़ी तेजी की संभावना है। इसलिए जिस भाव में मिल रहा उसमें थोड़ी बहुत खरीदारी करनी चाहिए ये माल आपको लंबे समय में रिटर्न देकर जाएगा।