Gold Import Duty: बजट में सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी 2.5 फीसदी बढ़ा दी गई है। इसका देश में अलग-अलग ज्वेलर्स एसोसिएशन ने विरोध करना शुरू कर दिया है। हरियाणा में आईबीजीए के राज्य प्रमुख राकेश वर्मा ने दैनिक भास्कर से कहा कि सरकार अगर ये फैसला वापस नहीं लेती तो पूरे हरियाणा और फिर भारत बंद का फैसला लिया जाएगा। आगे जानिए क्या सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी घटने की संभावना है।
दूसरी तरफ मध्यप्रदेश मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज ने सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी (Gold Import Duty) को घटाकर 5 फीसदी करने की मांग की है। इस संगठन ने भी आंदोलन की चेतावनी दी है। हालांकि ये विरोध छिटपुट ही दिख रहा है।
जेम्स ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने चिंता जताई की सोने पर ड्यूटी (Gold Duty) बढ़ने के कारण भारत के कारोबारियों को अपना कारोबार पड़ोसी देशों में ले जाने पर मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा ‘एक उद्योग के तौर पर सोना-चांदी और अन्य बहुमूल्य धातुओं पर आयात शुल्क बढ़ाए जाने से हमें निराशा है।’
आईबीजीए के नेशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता के मुताबिक इस पूरे मुद्दे पर वित्त मंत्री निर्मला सीतरामण से समय लेकर इंडस्ट्री की चिंताओं से अवगत कराया जाएगा।
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अग्रवाल के मुताबिक भारत में ज्वेलरी सेक्टर पहले ही संकट में है। इस सेक्टर का एक्सपोर्ट तो घटा ही है रोजगार भी घट रहा है। उनके मुताबिक इससे सोने की तस्करी बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि हीरों को तराशने का काम वियतनाम और चीन जैसे देशों में जा सकता है। साथ ही तस्करी भी बढ़ेगी।
अग्रवाल ने कहा कि सरकार से फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहेंगे। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (भारत) के एमडी सोमसुंदरम पी आर के मुताबिक सरकार के इस कदम का देश में सोने के कारोबार पर नकारात्मक असर होगा।
उन्होंने कहा कि सोना भारतीय इकोनॉमी में बड़ी भूमिका निभा सकता है लेकिन इसके लिए सभी टैक्स में कटौती, स्थिर नीति और पारदर्शी ट्रेडिंग मार्केट होना चाहिए।
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मालाबार गोल्ड एंड डायमंड के चेयरमैन अहमद पी के ने आईएएनएस एंजेसी को बताया कि सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने से रिटेल सेक्टर पर दोहरी मार पड़ी है।
उनके मुताबिक इससे लागत बढ़ जाएगी और रिटेल दाम में बढ़ोतरी होगी जिससे बिक्री पर असर होगा। उन्होंने कहा कि इससे सोने का अवैध कारोबार बढ़ेगा। अहमद ने सोने, चांदी पर लगी ड्यूटी लगाने के फैसले पर फिर से विचार की मांग की।
अधिकतर ज्वेलर्स इस ड्यूटी का विरोध 2 कारणों से कर रहे हैं। एक उनका कारोबार मंदा होगा दूसरा सोने की तस्करी बढ़ेगी। हालांकि जानकार इन दोनों तर्क को मानने के पक्ष में नहीं है।
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जानकारों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पिछले 1 महीने में सोने की कीमतें 10 फीसदी बढ़ी। जिसका किसी ने विरोध नहीं किया। सोने की कीमतें आगे भी बढ़ने की संभावना है। इसके सामने 2.5 फीसदी की इंपोर्ट ड्यूटी कुछ भी नहीं है।
जानकारों का कहना है कि तस्करी का सोना इस देश में खरीदता कौन है। अगर तस्करी का सोना खरीदने वाले इसे बंद कर दें तो तस्करी अपने आप बंद हो जाएगी। इसलिए ये दलील भी कहीं टिकती नहीं है। इसलिए सोने, चांदी पर ड्यूटी घटने की संभावना कम ही है।
बजट में सिर्फ सोना ही नहीं इतनी धातुओं पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ी
दूसरी तरफ सोने पर 12.5 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी और 3 फीसदी जीएसटी मिला लें तो कुल टैक्स 15.5 फीसद हो जाएगा। ये जीएसटी के 18 फीसदी के स्लैब के नजदीक जा रहा है। कुछ ज्वेलर्स को आशंका है कि कहीं सोने, चांदी को जीएसटी के 18 फीसदी टैक्स के स्लैब में न डाल दिया जाए।
भारत का जेम्स और ज्वेलरी इंडस्ट्री 41 अरब डॉलर की है। इसका भारत के जीडीपी में 7 फीसदी का योगदान है। वहीं एक्सपोर्ट में 15 फीसदी हिस्सेदारी है। ये इंडस्ट्री 50 लाख लोगों को रोजगार देती है।
साल 2018-19 में जेम्स और ज्वेलरी एक्सपोर्ट 5.3 फीसदी गिरकर 30.96 अरब डॉलर हो गया था। इसी समय के दौरान भारत का सोने का इंपोर्ट 3 फीसदी गिरकर 32.2 अरब डालर रहा। भारत हर साल 800 से 900 टन सोने का आयात करता है।
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डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। अगर आप कोई भी निवेश करते हैं तो पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय अवश्य लें। भाव की हमारी कोई भी जिम्मेदारी नहीं है। गोल्ड प्राइस टूडे से जुड़े लोग निजी तौर पर सोने चांदी की खरीद, बिक्री या ट्रेडिंग नहीं करते हैं। आपको होने वाले किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी गोल्ड प्राइस टूडे की नहीं होगी।