Friday, September 20, 2024
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Gold Import Duty: क्या बजट में सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी घटेगी?

Gold Import Duty: सोने पर लंबे समय से कारोबारी 10 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी दे रहे हैं। जब भी बजट आता है तब-तब ये बात उठती है कि गोल्ड पर ड्यूटी (Gold Duty)घटनी चाहिए। क्या इस बार सरकार सोने, चांदी के कारोबारियों की बात सुनेगी, आगे जानिए?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को सुबह 11 बजे जब बजट 2019-20 (Budget 2019-20) पेश करेंगी तो पूरे देश के सोने, चांदी के कारोबारियों की नजरें उन पर रहेंगी। दरअसल बजट में सोने को लेकर कई तरह के एलान होने के कयास लगाए जा रहे हैं।

बजट से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोल्ड पॉलिसी (Gold Policy) पर बड़ी बैठक की थी। इस बैठक का नतीजा अब तक सामने नहीं आया। इससे संकेत मिलता है कि इस बैठक में जो फैसलें हुए उनको बजट 2019 में शामिल किया जा सकता है।

सबसे पहले बात करते हैं सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी (Gold Import Duty) की जिसे एक्साइज ड्यूटी कहते हैं। पिछले 1 साल से सोने की तस्करी (Gold Smuggling)की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है।

इस आधार पर ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल ने सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी 10 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी करने की मांग की है। हालांकि तस्करी की ये दलील हर बार दी जाती है जिसका कोई खास असर नहीं होता है।

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काउंसिल की दूसरी दलील है कि देश का करेंट अकाउंट घाटा कम करने के लिए सोने पर 10 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगाई गई थी। अब ये घाटा जिसे कि हिंदी में चालू खाते का घाटा कहते हैं नियंत्रण में है। फिलहाल ये जीडीपी का 2.5 फीसदी है।

फिलहाल सोने के भाव आसमान पर हैं। 10 ग्राम सोने का रेट हाजिर बाजार में 35000 रुपए पार कर गया है। इस कारण बाजार में सोने की मांग कम हो गई है।

सोने के कारोबार में जान फूंकने के लिए कारोबारियों को उम्मीद है कि ड्यूटी में कुछ कमी हो सकती है। ये दलील भी कमजोर है क्योंकि चालू खाते के घाटे को देखते हुए सरकार क्यों चाहेगी कि लोग ज्यादा से ज्यादा सोना खरीदें। जानकारों के मुताबिक इंपोर्ट ड्यूटी घटाने के लिए सरकार इन दलीलों को ज्यादा तवज्जो नहीं देगी।

सरकार सोने पर बहुत बड़ा सोच रही है। इसे एक एसेट का रूप देने और लोगों के घरों में पड़ा सोना देश के काम आए इसके लिए गोल्ड पॉलिसी तैयार की गई है। जिसकी पूरी रूपरेखा बजट 2019 में देखने को मिल सकती है।

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ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल ने डिजिटल पेमेंट बढ़ाने की मांग की है। उनका कहना है कि बैंक का कमीशन खत्म कर दिया जाए या इसे घटाकर 0.20 फीसदी किया जाए। इससे डिजिटल लेन देन को बढ़ावा मिलेगा।

अभी बैंक क्रेडिट कार्ड पर 11.5 फीसदी कमीशन लेते हैं जिसका पूरा भार ग्राहक पर पड़ता है। इस कारण उसके लिए गहने महंगे हो जाते हैं। अगर ये कमीशन घटा दिया गया तो ग्राहक के साथ दुकानदारों को भी फायदा होगा। साथ ही डिजिटल लेनदेन भी बढ़ेगा।

काउंसिल ने बजट 2019 (Budget 2019) में कैपिटल गेंस टैक्स पर छूट की मांग की है। वहीं इंडस्ट्री के लिए ईएमआई की सुविधा भी मांगी है। साथ ही पैन कार्ड की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने की मांग की गई है।

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GJC ने हीरा कारोबारियों के लिए काउंसिल ने तराशे गए और पॉलिस किए हीरों पर इंपोर्ट ड्यूटी 7.5 फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी करने की मांग की है।

जेम्स और ज्वेलरी सेक्टर का देश के जीडीपी में 7 फीसदी योगदान है वहीं मर्चेंडाइस एक्सपोर्ट में इनका 15 फीसदी हिस्सा है। इस सेक्टर से करीब 46.4 लाख लोगों को रोजगार मिलता है।

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हालांकि ड्यूटी घटाने के पक्ष में जो दलीलें दी जा रही हैं वो इतनी पुख्ता नहीं है कि वित्तमंत्री आसानी से इसे मान लें। इसलिए आपको ड्यूटी में कटौती के लिए 5 जुलाई 2019 तक इंतजार करना होगा।

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डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। अगर आप कोई भी निवेश करते हैं तो पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय अवश्य लें। भाव की हमारी कोई भी जिम्मेदारी नहीं है। गोल्ड प्राइस टूडे से जुड़े लोग निजी तौर पर सोने चांदी की खरीद, बिक्री या ट्रेडिंग नहीं करते हैं। आपको होने वाले किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी गोल्ड प्राइस टूडे की नहीं होगी।

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