Gold Hallmarking: सोने की हॉलमार्किंग को लेकर असमंजस, व्यापारियों की ये मांग

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Gold News: सोने की हॉलमार्किंग (Gold Hallmarking) को लेकर पूरे देश में बहस छिड़ी हुई है। अब ज्वेलर्स खुलकर हॉलमार्किंग का मानकीकरण करने की मांग कर रहे हैं। इसकी शुद्धता मापने के अलग-अलग होने से ज्वेलर्स में दुविधा की स्थिति है।

दिल्ली, मुंबई और कोलकाता समेत बड़े शहरों से इसके मानकीकरण की मांग उठ रही है। जी बिजनेस के मुताबिक दिल्ली में ज्वेलर्स ने फैसला किया है हॉलमार्किंग सेंटर अब अपना लोगो भी ज्वेलरी पर लगाएंगे।

जेम्स और ज्वेलरी काउंसिल ने मांग की है कि देश भर में सोने की हॉलमार्किंग के नियम एक जैसे हो। जीजेसी के उप-चेयरमैन शंकर सेन के मुताबिक 14,18, 22 कैरेट जैसे अलग-अलग मानक ज्वेलरी की हॉलमार्किंग (Jewellery Hallmarking) के लिए है।

वहीं बिस्कुट और सिक्कों के लिए अलग अलग मानक है। जैसे बिस्कुट के लिए मानक 20 कैरेट है जबकि सिक्कों के लिए 24 कैरेट है।

सोने (Gold) की फर्जी हॉलमार्किंग का बड़ा रैकेट हाल ही में चांदनी चौक के किनारी बाजार में पकड़ा गया। यहां फर्जी तरीके से गहनों की हॉलमार्किंग की जा रही थी।

इससे निपटने के लिए दिल्ली के ज्वेलर्स ने एक बैठक में फैसला किया। इसके तहत दिल्ली के सभी 35 हॉलमार्किंग सेंटर ज्वेलरी पर लोगो लगाएंगे ताकि पता चल सके कि किस सेंटर से ज्वेलरी की हॉलमार्किंग हुई।

इससे कुछ हद तक फर्जी हॉलमार्किंग पर रोक लगेगी। फर्जी हॉलमार्किंग से न सिर्फ ग्राहकों को नुकसान उठाना पड़ता है बल्कि ज्वेलर्स को भी विश्वसनियता का संकट झेलना पड़ता है।

इसका असर ज्वेलरी कारोबार पर पड़ता है। पूरे देश में हॉलमार्किंग स्टैंडर्ड होने से ज्वेलर्स को आसानी रहेगी। वहीं इस बात से ज्वेलर्स भी परेशान हैं।

मुंबई स्थित उम्मेदमल त्रिलोकचंद ज्वेलर्स के प्रमुख कुमार जैन का कहना है कि ये विश्वसनियता का मामला है। ऐसे फर्जी सेंटरों पर सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

लखनऊ सर्राफा असोसिएशन के वरिष्ठ महामंत्री प्रदीप अग्रवाल के मुताबिक हॉलमार्किंग की मशीनें आसानी से उपलब्ध हैं। इन्हें सरकार के जरिए ही बेचना चाहिए। तो अगली बार जब आप सोने (Gold) के गहने खरीदने जाएं तो हॉलमार्किंग की पक्की जांच-पड़ताल जरूर कर लें।