नई दिल्ली: सोने में पारंपरिक तौर पर निवेश को लोग ज्यादा महत्व दे रहे हैं। इस कारण सोने के ईटीएफ (Gold ETF) की लगातार बिकवाली कर रहे हैं। सोने के भावों में भी पिछले कुछ सालों से ज्यादा तेजी नहीं आई है और शेयर बाजार से अच्छे रिटर्न मिल रहे हैं। इस कारण भी लोगों का रूझान गोल्ड ईटीएफ से कम हो रहा है। 2018 में लोगों ने 571 करोड़ रुपए के गोल्ड ईटीएफ बेच दिए। 2017 में निवेशकों ने 730 करोड़ रुपए के गोल्ड ईटीएफ बेचे थे।
इस हिसाब से इस साल निवेशकों ने इनकी बिकवाली थोड़ी कम की है। ये रकम 14 म्यूचुअल फंड से निकाली गई है। निवेशक पिछले 6 साल से लगातार गोल्ड ईटीएफ को बेच रहे हैं। 2018 में इन ईटीएफ में कुल 4571 करोड़ रुपए थे। वहीं कुल म्यूचुअल फंड में 1.54 लाख करोड़ रुपए का निवेश था।
निवेशकों ने 2013 में 1815 करोड़ रुपए, 2014 में 1651 करोड़ रुपए, 2015 में 891 करोड़ रुपए, 2016 में 942 करोड़ रुपए और 2017 में 730 करोड़ रुपए के ईटीएफ बेचे थे। इस हिसाब से 2018 में गोल्ड ईटीएफ की बिक्री पिछले 6 साल में सबसे कम हुई है। निवेशकों ने 2012 में 1826 करोड़ रुपए का निवेश किया था।
गोल्ड ईटीएफ में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सोने में निवेश होता है। इसमें आप शेयरों की तरह डीमैट अकाउंट में सोने को खरीद कर रख सकते हैं। ईटीएफ का भाव बाजार में सोने के उतार-चढ़ाव के हिसाब से बदलता रहता है। अगर सोने के भाव में तेजी है तो आपके खरीदे गए ईटीएफ की कीमत भी बढ़ेगी। वहीं भाव गिरने आपके गोल्ड ईटीएफ का दाम गिर जाएगा। सोने के भाव नहीं बढ़ने के कारण लोग अभी गोल्ड ईटीएफ में निवेश से कतरा रहे हैं।