Gold News: सोने और चांदी के कारोबार से जुड़े कई बड़े सुधार मोदी सरकार करने वाली है। इसका असर हर सोने, चांदी के कारोबार से जुड़े हर ज्वेलर पर पड़ेगा। बिजनेस स्टैंडर्ड की एक खबर के मुताबिक सरकार सोने में सुधार (Gold Reforms) का दूसरा चरण शुरू करने वाली है। जिसके लिए इकोनॉमिक अफेयर्स डिपार्टमेंट और वाणिज्य मंत्रालय ने एक्शन प्लान तैयार किया है।
इसमें गोल्ड बोर्ड (Gold Board) को सोने का रेगुलेटर बनाने, घरेलू गोल्ड काउंसिल बनाने की योजना है। खबर के मुताबिक संसद के बजट सत्र में गोल्ड बोर्ड पर विचार कर सकती है। वहीं प्रीसियश मेटल बोर्ड ऑफ इंडिया एक्ट 2019 नाम का बिल तैयार है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे संसद में पेश किया जाएगा।
गोल्ड बोर्ड (Gold Board) को सेबी या फॉरवर्ड मार्केट कमीशन की तरह रेगुलेटर बनाया जाएगा। जब गोल्ड बोर्ड शुरू होगा तो ये गोल्ड स्पॉट एक्सचेंज के नियम बनाने शुरू करेगा। इसमें 5 ग्राम से ऊपर का कोई भी गोल्ड ट्रेड पारदर्शिता के लिए ऑनलाइन एक्सचेंज के जरिए ट्रेड होगा।
गोल्ड बोर्ड और ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड सोने क डिलीवरी और उसे रिफाइन करने के नियम तय करेंगे। बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक सरकार सोने को एसेट क्लास (Gold Asset Class) भी बनाने पर विचार कर रही है। इसमें सोने में लोग निवेश कर सकेंगे और मैच्युरिटी पर उन्हें सोना मिलेगा।
इसके लिए बैंक और वित्तीय संस्थान गोल्ड मेटल अकाउंट खोल सकेंगे। अभी कोई गोल्ड अकाउंट (Gold Account) खोलता है तो उसे मैच्युरिटी पर उस सोने की कीमत के बराबर रुपया मिलता है।
रिपोर्ट के मुताबिक जल्द ही नई गोल्ड डिपॉजिट स्कीम (Gold Deposit Scheme) का भी एलान हो सकता है। जिसमें सोने में किसी भी फॉर्म में निवेश किया जा सकेगा और बैंक इस पर रिटर्न देंगे। साथ ही मैच्युरिटी पर आपका सोना आपको मिल जाएगा। डिपॉजिट के इस सोने को ज्वेलर्स को दिया जाएगा जो इसको इंपोर्ट करते हैं।
सूत्रों के मुताबिक सरकार ने नई गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम (Gold Monetisation Scheme) भी तैयार कर ली है। जिसका एलान भी जल्द होने वाला है। वाणिज्य मंत्रालय जल्द ही घरेलू गोल्ड काउंसिल बनाने का एलान कर सकता है। इसे जेम्स ज्वेलरी एक्सपोर्ट काउंसिल की तरह बनाया जाएगा। ये काउंसिल सिर्फ सलाह देगी।
हाल ही में इंडिया गोल्ड पॉलिसी सेंटर ने सरकार को गोल्ड पॉलिसी (Gold Policy) का ड्राफ्ट भी सौंपा था। जिसमें सोने के कारोबार से जुड़े कई नियम कायदे बदलने के सुझाव दिए गए है। दरअसल भारतीयों को सोना बहुत प्रिय है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के एक अनुमान के मुताबिक भारतीयों के पास 24 हजार टन सोना है। ये सोना लोगों के घरों में सिर्फ रखा है देश के काम नहीं आ रहा है।
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इस सोने को देश के काम कैसे लाया जाए और सोने के कारोबार में सुधार कैसे हो इस पर सरकार ने एक कमेटी बनाकर गोल्ड पॉलिसी (Gold Policy) बनाने के लिए कहा। इंडिया गोल्ड पॉलिसी सेंटर के चेयरमैन अरविंद सहाय ने इस पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार किया है। इसमें सुझाव देने में वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का भी बड़ा योगदान है।
गोल्ड पॉलिसी के ड्राफ्ट में जो सबसे बड़ी बात कही गई है वो है गोल्ड का स्पॉट एक्सचेंज खोलने की है। मतलब शेयर की तरह ही सोने की स्पॉट ट्रेडिंग होगी। इसके लिए देश के 2 बड़े एक्सचेंज NSE और BSE ने पर्दे के पीछे तैयारी भी शुरू कर दी है।
पॉलिसी में दूसरी बात बुलियन बैंकिंग (Bullion Banking) शुरू करने की है। भारत में अब तक बैंकों को सोना खरीदने की मंजूरी नहीं दी गई है। इस पॉलिसी में बुलियन बैंकिंग शुरू करने की बात कही गई है। यानि अब बैंक भी सोने, चांदी के कारोबार में उतर सकेंगे।
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सरकार की गोल्ड मोनेटाइजेशन उम्मीद के मुताबिक सफल नहीं हुई। नई गोल्ड पॉलिसी में इस स्कीम के बदलाव को लेकर सुझाव दिया गया है। अभी स्कीम में लोगों 2.5 फीसदी ब्याज मिलता है।
इसके अलावा इस iगोल्ड पॉलिसी (Gold Policy) में सोने की हॉलमार्किंग (Gold Hallmarking) और सर्टिफिकेशन के लिए कई नियम बनाने की वकालत की गई है। साथ ही ज्वेलरी एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के भी कई सुझाव दिए गए हैं। जानकारों को उम्मीद है कि बजट में सोने से जुड़े एलान हो सकते हैं।
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