Hallmarking UID Gold, एचयूआईडी गोल्ड ज्वेलरी: देश में गोल्ड ज्वेलरी की हॉलमार्किंग 16 जून 2021 से लागू होने वाली है। ज्वेलर्स ज्वेलरी की हॉलमार्किंग पर सहमत है पर इसके साथ सोने की हर ज्वेलरी पर अंकित किए जाने वाले HUID (Hallmarking Unique Identification) पर सहमत नहीं है। ज्वेलर्स के मुताबिक HUID के साथ ज्वेलर्स को 2 ग्राम से ऊपर की बेची जा रही ज्वेलरी खरीदने वाले ग्राहक का नाम, पता और मोबाइल नंबर की जानकारी भी देनी होगी।
HUID 6 डिजिट का नंबर होगा जो हर ज्वेलरी पर अंकित करना जरूरी है। CAIT के राष्ट्रीय महासचिव पंकज अरोड़ा ने एक वीडियो जारी कर इसका विरोध किया है। ज्वेलर्स के कई व्हाट्सएप ग्रुप में भी इसको लेकर विरोध के स्वर उठ रहे हैं।
ज्वेलर्स के मुताबिक BIS अभी 15 जून से लागू होने वाली हॉलमार्किंग के लिए जो ट्रेनिंग दे रहा है उसमें ज्वेलरी की बिक्री के साथ ग्राहकों का डेटा लेने के लिए भी कहा जा रहा है। पंकज अरोरा ने कहा कि ये कदम गैर तार्किक है। उन्होंने तर्क दिया कि ज्वेलरी महिलाएं खरीदती हैं ऐसे में वो अपना मोबाइल नंबर और पता देने में कतराएंगी। इसके अलावा अगर कोई ग्राहक अपनी जानकारी देने से इंकार कर देता है तो उसे छोड़ना पड़ेगा।
पंकज अरोड़ा ने कहा कि UID से रिटेलर्स को नुकसान होगा। UID व्यापारी को स्वीकार्य नहीं है। अरोड़ा ने कहा कि रिटेल ज्वेलर्स के पास अभी भी पुराना स्टॉक पड़ा है। 1 सेंटर पर 1 दिन में 125 पीस ही UID हो पाएंगे। ऐसे में पुराने स्टॉक में काफी समय लगेगा। उन्होंने कहा कि हॉलमार्किंग का स्वागत है पर UID का विरोध करते हैं। कुछ लोगों ने हैंडीक्रॉफ्ट और हेरीटेज ज्वेलरी का मुद्दा भी उठाया है।
आइए समझते हैं कि ये HUID कैसे लागू होगा। पहले ज्वैलर हॉलमार्क करवाने से पहले एक वाउचर भरकर सेंटर भेजता था वो सिस्टम HUID (HUID it is a six-digit alpha-numeric code)के साथ ही खत्म हो जाएगा। ज्वेलर को BIS की साइट पर अपना लॉगिन ID लगा कर पोर्टल। खोलकर वाउचर की तरह ही सेंटर का नाम भरकर उसमें जेवर की जानकारी डालनी है। ये जानकारी पसंदीदा हॉलमार्क सेंटर तक पहुंच जाएगी। इसके बाद ज्वेलर अपना जेवर हॉलमार्किंग के लिए सेंटर पर भेजेगा। सेंटर लिस्ट से टैली कर उसके रिसीव करेगा।
सेंटर गहनों की हॉलमार्किंग के बाद हर गहने की फोटो और उसका HUID (Hallmarking Unique Identification) नंबर BIS पोर्टल पर सबमिट करके ज्वेलर को देगा। मतलब आपके बनाए हर एक गहने का एक यूनिक नंबर होगा। ज्वेलर अगर इस गहने को किसी ग्राहक को बेचेगा तो उसको अपने स्टॉक से उस HUID नंबर की निकासी दिखा देगा।
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ग्राहक इस HUID को BIS Care पोर्टल पर डालकर पूरी जानकारी ले सकेगा कि उस जेवर की हॉलमार्किंग किसने की और वो कहां से बिका है। साथ ही उस गहने की फोटो भी आ जाएगी।
यहां तक तो ठीक है पर ज्वेलर्स का कहना है कि 2 ग्राम से ऊपर की ज्वेलरी बेचने पर उन्हें UHID के साथ ग्राहक की पूरी जानकारी भी लेनी है। जैसे कि उसका नाम, पता और मोबाइल नंबर भी लेना है और इस जानकारी को भी अपलोड करना है। BIS के गोल्ड ज्वेलरी के 16 जून 2021 से लागू होने वाले नियम के मुताबिक ज्वेलर्स अब सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट सोने से बनी ज्वेलरी ही बेच पाएंगे।
अगर आप ज्वेलर हैं तो आप एक लैपटॉप या कंप्यूटर खरीद लें। साथ ही एक अच्छा कैमरा या अच्छे कैमरे वाला मोबाइल खरीद लें। इसके साथ ही कंप्यूटर में इंट्री करने वाले ऑपरेटर को भी खोजना शुरू कर दें। अगर नहीं मिले तो अपने किसी कर्मचारी या कारीगर को इसकी ट्रेनिंग दें। BIS हॉलमार्किंग सिस्टम लागू होने के बाद आपको इन सबकी जरूरत पड़ने वाली है।
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