Bullion Hallmarking: ज्वेलरी के बाद BIS अब गोल्ड बुलियन की अनिवार्य हॉलमार्किंग जल्द लागू करेगा, फिलहाल ये रहेंगे दायरे से बाहर

ज्वेलरी के बाद अब जल्द बुलियन हॉलमार्किंग

Bullion Hallmarking, Gold Bullion hallmarking, BIS: ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड जल्द ही भारत में अब ज्वेलरी के बाद गोल्ड बुलियन की अनिवार्य हॉलमार्किंग करने जा रहा है। इसका अर्थ है अब सोने की ज्वेलरी बनाने में जो सोना उपयोग होता है अब उस सोने की भी हॉलमार्किंग अनिवार्य होगी। भारत के 300 से ज्यादा जिलों में पहले से ही सोने की ज्वेलरी की अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू है। इस संबंध में 3 सितंबर 2024 को BIS हेडक्वाटर, मानक भवन, नई दिल्ली में गोल्ड बुलियन की अनिवार्य हॉलमार्किंग पर चर्चा को लेकर सभी पक्षों की बैठक हुई। बुलियन हॉलमार्किंग का अर्थ है ज्वेलरी बनाने में उपयोग आने वाले सोने के बार और सिक्कों की हॉलमार्किंग। यहां जानिए फिलहाल किसको इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा।

बुलियन की हॉलमार्किंग लागू होने से ज्वेलरी बनने के इकोसिस्टम में अब ऊपर से ही शुद्ध सोना मिलेगा। इससे ज्वेलरी में शुद्धता और क्वालिटी में बढ़ोतरी होगी और ग्राहकों का विश्वास बढ़ेगा। अब तक ज्वेलरी हॉलमार्किंग होती थी और कई ज्वेलर्स बुलियन की हॉलमार्किंग की मांग करते थे ताकि उनको सही सोना मिले। अब BIS ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है।

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सूत्रों के मुताबिक गोल्ड बुलियन की अनिवार्य हॉलमार्किंग (Gold Bullion Mandatory Hallmarking) को लेकर मोटे तौर पर सभी पक्षों में इन मुद्दों पर सहमति बन गई है

  1. बुलियन हॉलमार्किंग को चरणों में लागू किया जाएगा, सभी माइक्रो रिफाइनर्स और ज्वेलर्स को पहले चरण में बाहर रखा जाएगा
  2. 100 ग्राम के ऊपर के गोल्ड बुलियन के लिए ही अनिवार्य हॉलमार्किंग को लागू किया जाएगा
  3. 995 और 999 की शुद्धता वाले बुलियन पर ही अनिवार्य हॉलमार्किंग होगी
  4. एसइंग और हॉलमार्किंग सेंटर के द्वारा HUID के साथ 995 शुद्धता के सिक्कों की हॉलमार्किंग को मंजूरी दी जाएगी
  5. BIS रिफाइनिंग स्कीम माइक्रो रिफाइनर्स को अप्रगेड करने, स्वास्थ्य को गंभीर तौर पर खराब करने वाली रिफाइनिंग प्रक्रिया को बदलने और उनको मुख्य धारा में लाने में मदद करे जिससे ज्यादा कारोबार के मौके और रोजगार पैदा हो और उनकी एसोसिएशन BIS और सभी पक्षों को पहले चरण के लागू होने के बाद इसे सभी के लिए अनिवार्य करने पर सलाह दे।

गोल्ड बुलियन पर अनिवार्य हॉलमार्किंग कब से लागू होगी इसकी तारीख का एलान अभी बीआईएस ने नहीं किया है। हालांकि सभी पक्षों से इस मुद्दे पर सहमति बन गई है तो सूत्रों के मुताबिक इसे जल्द ही लागू किया जा सकता है।

बैठक में IFSC, IIBX, भारत सरकार की मिंट, वित्त मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय, उपभोक्ता मामले मंत्रालय, बीआईएस, आईबीजेए, जीजेईपीसी, जीजेसी, वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल, आईएएचसी, बीएसएस और रिफाइनर्स एसोसिएशन जैसे प्रमुख स्टेकहोल्डर्स की भागीदारी रही। इसके अलावा, विभिन्न राज्यों के ज्वैलर्स और कारीगर एसोसिएशन भी शामिल थे।

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