Exclusive Interview: अगले 6 महीने में सोने का भाव 64000 रुपए तक पहुंच सकता है: आशीष पेठे, वामन हरि पेठे ज्वेलर्स

Ashish Pethe Waman Hari Pethe Jewellers

Ashish Pethe, Waman Hari Pethe Jewellers, Silver Price, Gold Price: भारत में वामन हरि पेठे ज्वेलर्स एक बड़ी ज्वेलरी चेन है। वामन हरि पेठे ज्वेलर्स के पार्टनर और जेम और ज्वेलरी काउंसिल के पूर्व चेयरमैन आशीष पेठे से Gold Price Today ने Exclusive बातचीत की। पेठे ने इस इंटरव्यू में सोने, चांदी के भाव पर, हॉलमार्किंग, पीएमएलए समेत कई मुद्दों पर बातचीत की। पेठे का मानना है कि अगले 6 महीने में सोने का भाव 64000 रुपए और चांदी का भाव 85000 रुपए तक जा सकता है। यहां पढ़िए आशीष पेठे का पूरा इंटरव्यू।

सवाल: अभी सोने, चांदी के भाव में काफी उठापटक है। आपको क्या लगता है अगले 6 महीने में सोने का भाव कहां पहुंच सकता है?
आशीष पेठे:
हमें ये समझना होगा कि सोना जियो पॉलिटिकल कारणों से नहीं बढ़ रहा है। सोना एक रैली में प्रवेश कर चुका है। जब कभी भी कोई ट्रिगर आएगा फिर बैंक का इश्यू हो या जियो पॉलिटिकल इश्यू हो। कोई भी इश्यू हो महंगाई का हो, ब्याज दर का हो तो उससे ये भागने वाला है। अगर आप देखते हो कि ब्याज दर बढ़ती है तो सोने का भाव नीचे आना चाहिए लेकिन वो इतना नीचे नहीं आया। मुझे लगता है आगे चलकर कॉमेक्स पर सोने का भाव 2150 डॉलर तक जा सकता है। अगर भारत में देखें तो क्योंकि डॉलर कमजोर होने से रुपए डॉलर एक्सचेंज रेट भी थोड़ा नीचे आकर 81 के आसपास आ सकता है तो भारत में सोने का भाव 64000 हजार रुपए तक अगले 6 महीने में जा सकता है।

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सवाल : चांदी में भी काफी उठापटक है और पिछले कुछ समय से अगर हम देखें तो चांदी के भाव 2000 से 3000 रुपए प्रति किलो तक बदल रहे हैं तो आपका चांदी पर क्या व्यू है
आशीष पेठे: सामान्य तौर पर चांदी के भाव में काफी ज्यादा उतार-चढ़ाव रहता है पिछले एक-दो सालों में यह सोने के मूवमेंट को मिरर कर रहा है। तो उस लिहाज से मुझे लगता है कि अभी कॉमेक्स पर चांदी का भाव $25 है तो 28 डॉलर की रेंज में इंटरनेशनल मार्केट प्राइस जा सकता है और भारत में अगले 6 महीने में 80 से 85 हजार तक चांदी का भाव जा सकता है

सवाल: आपने हाल ही में ज्वेलरी की खरीद से जुड़ा कोई ट्रेंड देखा है क्या? आप कुछ जानकारी हमें दे सकते हैं?
आशीष पेठे: सामान्य तौर पर क्या होता है जब भाव बढ़ना शुरू होता है तो मान लीजिए किसी को 30 ग्राम का नेकलेस लेना है तो वह उसका वजन थोड़ा कम करता है। भाव बढ़ गया है तो अभी 30 ग्राम नहीं 25 ग्राम का ले लेता है। उस हिसाब से कम वजन की ज्वेलरी के ऊपर ग्राहकों का फोकस है। मैं देख रहा हूं कि सोने के रेट बढ़ रहे हैं तो ज्यादा वजन की ज्वेलरी भी बिक रही है लोगों को लगता है कि यह निवेश का एक हिस्सा है। जब भाव बढ़ेंगे तो उसके मेकिंग चार्ज का उतना महत्व नहीं रह जाएगा। आपने देखा कि 2022 में सोने के भाव में 15 फ़ीसदी का उछाल आया था और इस साल 2023 में पहले 3 महीने में 11 फीसदी का उछाल आया है। कुल मिलाकर अगर आप देखे तो पिछले 5 साल में सोना 30 हजार से लेकर आज 60 हजार तक पहुंच गया है। कुल मिलाकर मांग पर ज्यादा असर नहीं है।

सवाल: 1 अप्रैल 2023 से 6 अंकों वाली एचयूआईडी हॉलमार्किंग का नियम लागू हो गया है। इसको लेकर ज्वेलर्स के मन में आशंका है। कई 40 लाख से कम टर्नओवर वाले ज्वेलर्स हैं जिनके पास जीएसटी भी नहीं है। आप इस बारे में क्या सोचते हैं?
आशीष पेठे: आपने जो 40 लाख के टर्नओवर और जीएसटी की बात की तो सालाना 40 लाख के अंदर जिस ज्वेलर का टर्नओवर उसको अनिवार्य हॉलमार्किंग से छूट मिली हुई है। अगर आप देखोगे आज सोने का भाव इतना ज्यादा है कि इस रैंज में बहुत कम ज्वेलर्स होंगे। अभी हाल ही में जो नया नोटिफिकेशन आया था उससे लोगों को दिक्कत यह थी कि 10-15 दिनों में उनकी पूरा 4 अंकों वाली ज्वेलरी को नई 6 अंकों वाली हॉलमार्किंग वाली ज्वेलरी में बदलना था। उसमें कई लोगों के पास हजारों पीस थे जो 4 अंकों की एचयूआईडी वाले थे। उसी सिलसिले में लोगों को दिक्कत थी तो काउंसिल की तरफ से पूरे देश से अनेक एसोसिएशन के लोग गए थे और सरकार से निवेदन किया था कि इसको थोड़ा आगे बढ़ा दे। सरकार ने 3 महीने इसकी तारीख बढ़ा दी है। 3 महीने का काफी समय है लोग धीरे-धीरे कर रहे हैं क्योंकि एक साथ सारा माल भी एचयूआईडी के लिए नहीं दे सकते हैं। सुरक्षा का भी मुद्दा है। हॉलमार्किंग सेंटर में बड़े पैमाने पर रातभर ज्वेलरी रखना भी जोखिम है। चोरी का भी जोखिम है। 2-3 महीने में सब ज्वेलरी 6 अंकों में हॉलमार्किंग हो जाएगी।

सवाल: ज्वेलर्स को पीएमएलए (Prevention of Money Laundering) के नियम के तहत 50000 रुपए से अधिक की खरीद करने वाले ग्राहक से केवाईसी के डॉक्यूमेंट लेने है। वहीं 10 लाख से ज्यादा की नकदी में खरीद करने वालों के बारे में फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट (FIU) में जानकारी देनी है। इसको लेकर कुछ लोग कह रहे हैं कि ये बुलियन पर है ज्वेलरी पर नहीं। आपका क्या मानना है?
आशीष पेठे:
इसमें यह लोगों का थोड़ा कनफ्यूजन था कि प्रीशियस मेटल और प्रिंसेस स्टोन यह नोटिफिकेशन में लिखा हुआ था। ज्वेलरी या महंगे स्टोन से बनी ज्वेलरी सोना हो या चांदी हो सब इस नियम में आ जाता है जो भी महंगी धातु से बनी है वो इसमें शामिल है।इससे पूरी इंडस्ट्री कवर है ना कि सिर्फ की बुलियन। दूसरा यह पॉइंट है कि जो 10 लाख तक की लिमिट है या 50 हजार तक की केवाईसी है उसमें कन्फ्यूजन है उसमें कुछ पॉइंट्स क्लियर नहीं है तो हमने मंत्रालय में संपर्क किया एफआइयू में भी संपर्क किया है। 50000 तक के केवाई से यह कंफ्यूजन है कि कोई भी जो कस्टमर आता है तो आज सोने का भाव 60000 हो गया है वो अगर 10 ग्राम के ऊपर का कोई चीज लेता है या कान का कोई ज्वेलरी लेता है तो तो भी वह 50,000 के ऊपर आ जाता है। ये थोड़ा प्रैक्टिकल नहीं था तो हमने निवेदन किया कि उस लिमिट को थोड़ा बढ़ाया जाए। आज आयकर नियम में पहले से ही प्रावधान है कि 2 लाख के ऊपर आपको पैन कार्ड लेना है। पैन कार्ड आज की तारीख में सबसे बड़ा वित्तीय पहचान का पत्र है।

सवाल: आजकल सोने की स्मगलिंग काफी बढ़ गई है तो आपने उसको रोकने के लिए कोई कदम उठाए जा रहे हैं क्या?
आशीष पेठे: हमने कई बार मंत्रालय को लिखा था हमारा अंदरूनी तौर पर भी यह मानना है कि जब कस्टम ड्यूटी चार से पांच परसेंट होता है तो यह स्मगलिंग कंट्रोल में रहती है लेकिन आज लगभग 15 फ़ीसदी ड्यूटी और 3 फीसदी जीएसटी होने से 18 से 18.5 फीसदी टैक्स है। ये तस्करी को बढ़ावा देता है। 1 किलो सोना कोई तस्करी करता है तो लाखों का फायदा होता है। अगर कस्टम ड्यूटी 5 से 6 फीसदी तक आ जाती है तो सोने की तस्करी नियंत्रित हो जाएगा।

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