Jewellery Day: ज्वेलर्स 16 अप्रैल को मनाएंगे ज्वेलरी दिवस, जानिए ज्वेलर्स की प्रमुख मांगे

Jewellery Day

AIJGF Jewellery Day, ज्वेलरी दिवस: अगले महीने ज्वेलरी सेक्टर का एक बड़ा आयोजन होने जा रहा है। देशभर में 4 लाख ज्वेलर्स और 20 लाख कारीगर हैं। ज्वेलर्स 16 अप्रैल 2020 को ज्वेलर्स ‘ज्वेलरी दिवस’ मनाने वाले हैं।

इस कार्यक्रम का एलान आल इंडिया ज्वेलर्स एन्ड गोल्डस्मिथ फेडरेशन ने किया है। यह संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने गठित किया है। इसके राष्ट्रीय संयोजक पंकज अरोरा हैं।

देश में सिर्फ 30 हजार ज्वेलर्स ही फिलहाल BIS हॉलमार्क से रजिस्टर हैं। संगठन के मुताबिक देश में करीब 20 लाख कारीगर ज्वेलरी सेक्टर से जुड़े हैं। उनके मुताबिक इस सेक्टर में सिर्फ सोने से सरकार को 50 हजार करोड़ से ज्यादा का राजस्व मिलता है।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया की ‘कैट ने देश के समस्त रिटेल व्यापार को आधुनिक एवं उच्च स्तरीय बनाने का निर्णय लिया हुआ है जिसके अंतर्गत प्रत्येक महत्वपूर्ण व्यापार को बेहतर तकनीक से जोड़ा जाएगा ताकि भारत के हर क्षेत्र के व्यापारी आत्मनिर्भर बन कर किसी भी देसी अथवा वैश्विक व्यापारिक चुनौती का मुकाबला कर सकें।’

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खंडेलवाल ने कहा कि ‘इस योजना के तहत देश के ज्वेलरी व्यापार को बेहतर, पारदर्शी एवं विश्वसनीय बनाने के लिए देश भर के छोटे जेवेलर व्यापारियों एवं ज्वेलरी कारीगरों को साथ जोड़कर कैट ने हाल ही मैं आल इण्डिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन ( एआईजेजीऍफ़) का गठन किया हैं जिसमें देश के सभी राज्यों के छोटे ज्वेलर्स के व्यापारी संगठनों के व्यापारी नेता एवं ज्वेलरी कारीगर शामिल है।’

ऑल इंडिया ज्वेलर्स एन्ड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय संयोजक पंकज अरोरा ने बताया कि ’16 अप्रैल को देश भर में ज्वेलरी दिवस मनाते हुए दिल्ली में एक ज्वेलरी व्यापारी महासम्मेलन आयोजित होगा जिसमें देश के सभी राज्यों के प्रमुख ज्वेलरी व्यापारी बड़ी संख्यां में भाग लेंगे।

अरोरा के मुताबिक ‘सम्मेलन में ज्वेलरी व्यापार की वर्तमान ज्वलंत समस्याओं एवं उनका समाधान तथा किस प्रकार से व्यापारी सरकार के साथ सहयोग करते हुए देश के ज्वेलरी व्यापार में वृद्धि कर सकते हैं और भारत से किस प्रकार ज्वेलरी का ज्यादा से ज्यादा निर्यात किया जा सकता है, इस पर चर्चा करते हुए अपनी आगामी रणनीति तय करेंगे।’

उन्होंने ने बताया कि ‘ज्वेलरी व्यापार के प्रमुख ज्वलंत मुद्दों को लेकर संगठन का प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान से शीघ्र मिलेगा।’

पंकज अरोरा ने संगठन के बारे में बताते हुए कहा कि ‘वर्तमान में देश का ज्वेलरी व्यापार बेहद निराशा के दौर से गुजर रहा है। वर्तमान में जहाँ आभूषणों की बिक्री में कमी आ रही हैं वहीं दूसरी ओर सरकार की नीतियां भी ज्वेलरी व्यापार को ढेर करने में लगी हुई हैं।

उन्होंने कहा कि ‘देश के छोटे ज्वेलर्स एवं उनसे जुड़े कारीगर इस व्यापार को बेहतर बनाने के लिए सरकार के दृष्टिकोण का स्वागत करते हैं और सरकार को समर्थन का भरोसा देते हैं किन्तु सरकार को छोटे ज्वेलर्स से चर्चा कर उनकी समस्याओं को समझना जरूरी है और उसके अनुसार इस व्यापार के लिए नीति बनाई जाए।’

खंडेलवाल और अरोरा ने कहा की ‘वाणिज्य मंत्रालय की बनाई गई डोमेस्टिक गोल्ड कॉउन्सिल में अभी तक उन छोटे ज्वेलरी व्यापारियों का प्रतिनिधित्व नहीं है जो देश में प्रतिवर्ष हो रहे गोल्ड ब्यापार का 85 प्रतिशत हिस्सा है लिहाजा एआइजीजेएफ को भी डोमेस्टिक गोल्ड कॉउन्सिल में शामिल किया जाना चाहिए।’

उन्होंने कहा कि ‘वो हॉलमार्किंग करने के सरकार के आदेश का स्वागत करते हैं और सरकार के साथ सहयोग करते हुए देश के सभी ज्वेलर्स को हॉलमार्किंग के साथ जोड़ना चाहते हैं किन्तु देश भर में ज्वेलरी आभूषणों की बिक्री के पैटर्न को देखते हुए हॉलमार्किंग नियमों में 20 कैरट ज्वेलरी को भी मान्यता दी जाए, यह आवश्यक है वहीँ हॉलमार्किंग के वर्तमान नियम के अनुसार ज्वेलर को हॉलमार्क का रिकॉर्ड रखने के लिए बाध्य किया गया है जबकि हॉलमार्क के स्टॉक का रिकॉर्ड हॉलमार्किंग सेंटर को रखना चाहिए।’

उन्होंने मांग कि ‘2 लाख रुपए तक के आभूषणों की नकद बिक्री के स्थान पर 100 ग्राम आभूषणों की नकद बिक्री को अनुमति देनी चाहिए !प्रत्येक जिला मुख्यालय पर सरकार स्वयं के हॉलमार्किंग सेंटर खोले तभी आभूषणों को सही तरीके से हॉलमार्क किया जा सकता है।

अरोरा ने कहा कि ‘किसी भी व्यापारी द्वारा हॉलमार्किंग सेंटर खोलने पर सरकार को उसे प्रोत्साहित करना चाहिए। हॉलमार्किंग मशीनों के आयात शुल्क में सरकार को छूट देनी चाहिए। गोल्ड मेटल लोन एवं बैंकों से लोन ज्वेलरी व्यापारियों को बैंकों से आसानी से दिलवाया जाए।

अरोरा ने कहा कि ‘सर्राफा व्यवसाइयों को प्राथमिकता पर आर्म लाइसेंस ऑनलाइन एवं सरल प्रक्रिया से दिया जाए। ज्वेलरी कारीगरों को आसान तरीके से मुद्रा योजना के अंतर्गत ऋण दिया जाए। ज्वेलरी व्यापारियों द्वारा पुराने गहने खरीदने पर सरकार दिशा निर्देश जारी करे जिससे आये दिन पुलिस द्वारा सराफा व्यापारियों का उत्पीड़न रोका जाए। ज्वेलरी व्यापारियों को सी टी टी के रिफंड का समुचित प्रावधान किया जाए।’

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