Gold Price June 2020, सोने का भाव: अब सबकी निगाहें लॉकडाउन खुलने पर हैं। ऐसे में सोने का भाव (Gold Price)आगे कैसा रहेगा यहां जानिए एक्सपर्ट की राय।
कोरोना वायरस के कारण पूरे विश्व में बहुत सा नुकसान हुआ है। विश्व की अर्थव्यवस्था में गिरावट आ रही है। इस दौरान पूरे विश्व में कितना नुकसान हुआ है उसका आकलन करना मुश्किल है। विश्व में कई अर्थव्यवस्थाएं पैकेज भी जारी कर रही हैं।
अप्रैल में महीने में सोने के भाव (Gold Price) मजबूत रहे। सोने का वायदा भाव बुधवार को 2012 के बाद सबसे ऊंचाई पर पहुंच गया। इसी दिन फेडरल रिजर्व ने कहा था कि कोरोना के कारण अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर स्थाई असर होगा।
इस दौरान चीन में पहली तिमाही के दौरान सोने की खपत 48 फीसदी गिरकर 148.63 टन हो गई है। कीमती धातुओं के गोल्ड ईटीएफ में 1.3 अरब डॉलर का निवेश आया। रूस ने अप्रैल में कहा है कि वो घरेलू सोने की खरीद नहीं करेगा। स्टैंडर्ड चार्टर्ड पीएलसी के मुताबिक सोने शुद्ध खरीद पिछले साल के मुकाबले 360 टन गिर जाएगी।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल को भारत में लगता है कि मांग में इस साल कमी आएगी। केडिया कमोडिटी की रिपोर्ट के मुताबिक सोने के भाव भी उतार-चढ़ाव से नहीं बचे हैं। इंटरनेशनल मार्केट में भाव 1684 डॉलर प्रति आउंस से जाकर भाव गिर गए। इसके बाद से कीमतों में रिकवरी भी देखी गई।
अमेरिका में विकास दर के शुरूआती आंकड़े जारी हुए हैं। इसके मुताबिक पहली तिमाही में जीडीपी निगेटिव 4.8 फीसदी है। कोरोना के कारण पूरे विश्व की इकोनॉमी में उथल-पुथल मची है। इस कारण से सोने के भाव में भी उतार-चढ़ाव रहा। शेयर मार्केट में गिरावट के कारण निवेशकों ने अपने मार्जिन बचाने के लिए सबकुछ बेच दिया।
अब विश्व की अधिकतर अर्थव्यवस्था में राहत पैकेज आ रहे हैं। सरकारों का कर्ज बढ़ने वाला है। केडिया कमोडिटी की रिपोर्ट के मुताबिक सोने के भाव रिकॉर्ड तेजी तक पहुंचाने में ये मददगार सिद्ध हो सकता है।
कोरोना के बाद अब तक सोना एक सुरक्षित निवेश की तरह नहीं दिखा है पर अब इसमें तेजी की संभावना है। ऐसी ही स्थिति 2008 में भी बनी थी। तब सोना और शेयर बाजार एक साथ गिरे थे। उस समय फेडरल रिजर्व ने राहत पैकेज जारी किया था।
इससे निवेशकों को सोना खरीदने का ग्रीन सिग्नल मिला। 2008 में डॉलर का भाव भी गिरा था। सोने और डॉलर के भाव में अलग तरह का संबंध है। डॉलर का भाव कम होता है तो सोना तेज होता है वहीं डॉलर तेज होता है तो सोने का भाव गिरता है।
पूरे विश्व में ब्याज दरों में कटौती हुई है। इस कारण से सरकारी बॉन्ड पर यील्ड जीरो तक जा सकती है। दुनिया के 45 देशों ने ब्याज दरों में कटौती की है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के एक सर्वे के मुताबिक ऐसे निवेशक जिन्होंने अब तक सोना नहीं खरीदा ऐसे 29 फीसदी निवेशक भविष्य में सोना खरीदने के लिए तैयार है।
52 फीसदी के पास पहले ही किसी न किसी प्रकार से सोना है। ये सर्वे जून 2019 से दिसंबर 2019 के बीच हुआ था। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल में भारत में सोने का निवेश 99.9 फीसदी गिर गया। ये पिछले 30 साल में सबसे कम है। ये लॉकडाउन के कारण हुआ है। अप्रैल 2020 में भारत में सिर्फ 50 किलो सोना इंपोर्ट हुआ। पिछले साल अप्रैल 2019 में 110.18 टन सोना इंपोर्ट हुआ था।
डॉलर में देखें तो पिछले साल 3.97 अरब डॉलर का सोना इंपोर्ट हुआ था जो सिर्फ 28.4 लाख डालर का ही हुआ। इस दौरान ज्वेलरी मार्केट में तो कुछ कारोबार नहीं हुआ पर निवेश चालू रहा। जनवरी से मार्च के बीच अमेरिका और यूरोप में एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में 298 टन सोने में निवेश हुआ।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि स्टेट स्ट्रीट ग्लोबल एडवाइजर्स के मुताबिक सोने में तेजी रहेगी। ग्रुप के मुताबिक अगले कुछ हफ्ते सोना 1700 से 1800 डॉलर के बीच ट्रेड कर सकता है।
दूसरी तरफ भारत में कोरोना वायरस और ज्यादा भाव के कारण लोग पुराना सोना बेच रहे हैं। मार्च के शुरू में सोने के भाव में गिरावट आई थी। इसके बाद सोना 1500 डॉलर रैंज में स्थिर हो गया था। एक्सपर्ट को दूसरी तिमाही में लगता है कि सोना 1600 डॉलर का लेवल मेंटेन करेगा। 2020 में सोने का इंटरनेशनल मार्केट में औसत भाव 1640 डॉलर रह सकता है।
केडिया कमोडिटी की रिपोर्ट के मुताबिक जून में सोने के भाव में गिरावट रहेगी। रिपोर्ट में MCX जून सोने का वायदा 46000-46600 के बीच बेचने की सलाह दी है। इसके लिए स्टॉप लॉस 47550 का दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक MCX पर सोने का भाव गिरकर 44650 से 43950 रुपए तक आ सकता है। अगर सोने का भाव 47550 रुपए से ऊपर जाएगा तभी तेजी की संभावना है। इंटरनेशनल मार्केट में भाव 1780 डॉलर के ऊपर जाने पर ही तेजी की संभावना है।
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डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। अगर आप कोई भी निवेश करते हैं तो पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय अवश्य लें। भाव की हमारी कोई भी जिम्मेदारी नहीं है। गोल्ड प्राइस टूडे से जुड़े लोग निजी तौर पर सोने चांदी की खरीद, बिक्री या ट्रेडिंग नहीं करते हैं। आपको होने वाले किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी गोल्ड प्राइस टूडे की नहीं होगी।