IMA Jewels Scam: बंगलूरू में ज्वेलरी का बड़ा घोटाला सामने आया है। आई मॉनेटरी एडवाइजरी ज्वेल्स के मालिक मोहम्मद मंसूर खान फरार हो गया है। न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक उस पर 4 हजार निवेशकों के 2 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप है। इसकी कंपनी का ऑफिस शिवाजी नगर एरिया में है।
कंपनी के मालिक का एक ऑडियो भी सामने आया है जिसमें उसने कहा कि वो आत्महत्या करने जा रहा है। उसने ऑडियो में कहा कि वो नेताओं और अफसरों को रिश्वत देकर थक गया है। उसने ऑडियो में कहा कि पुलिस उसकी 500 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी बेचकर लोगो की रकम चुका दे।
इसमें 30 हजार कैरेट के हीरे और सोना शामिल है। ये ऑडियो जैसे ही वायरल हुआ हजारों निवेशक आई मॉनेटरी एडवाइजरी के ऑफिसे के सामने पहुंच गए और विरोध करने लगे। अभी तक इस ऑडियो का सत्यापन नहीं हुआ।
इस व्यक्ति की कंपनी IMA Jewels के ऑफिस के बाहर 5 जून से 9 जून तक की छुट्टी का नोटिस लगाया गया था। 10 जून को कंपनी का ऑफिस नहीं खुला। इस दौरान मोहम्मद मंसूर खान ने निवेशकों को संदेश भेजा
न्यूज 18 के मुताबिक जैसे ही ऑडियो पब्लिक में आया 3700 लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी। कई निवेशक तुमकुर और मांड्या जिले के हैं। पुलिस ने सेक्शन 406 और 420 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। गृह मंत्री पाटिल ने कहा कि ये एक लिमिटेड कंपनी थी जिसमें हर निवेशक हिस्सेदार था। उन्होंने गोल्ड में ट्रेड किया था।
मंसूर खान ने 2006 में आई मॉनेटरी एडवायजरी नाम से इस्लामिक बैंक और हलाल निवेशक कंपनी की स्थापना की थी। वो गल्फ देश से लौटकर आया था। इस कंपनी में 14 से 18 फीसदी तक ब्याज देने की बात थी। मामला इस्लामिक बैंकिंग से जुड़ा था इसलिए इसमें अधिकतर निवेशक मुस्लिम समुदाय से हैं।
डेक्कन हेराल्ड के मुताबिक मंसूर खान ने लोगों को मासिक, तिमाही और वार्षिक आधार पर निवेश के विकल्प दिए थे। जिसमें 50 हजार रुपए और उसके मल्टीपल में निवेश किया जा सकता था। कोई भी 45 दिन बाद अपनी रकम निकालने के लिए स्वतंत्र था।
ये कंपनी गोल्ड और सिल्वर बार में ट्रेड करती है। कंपनी एक महीने में 7 फीसदी का मुनाफा देती थी। अगर किसी ने 1 लाख निवेश किए तो पहले महीने में ही 1 लाख 7 हजार रुपए की रकम हो जाती थी।
बाद में ये मुनाफा घटकर 5 फीसदी हो गया और फरवरी 2019 में सिर्फ 3 फीसदी। जब अप्रैल में निवेशकों को सिर्फ 1 फीसदी मुनाफा मिला तो वो घबरा गए। डेक्कन हेराल्ड के मुताबिक मई में कई निवेशकों को पेमेंट नहीं गिया गया। इसके बाद कई लोग अपनी रकम निकालने की अर्जी देने लगे।
जब निवेशक कंपनी के ऑफिस पहुंचे तो उन्हें कंपनी की अच्छी स्थिति का भरोसा दिलाया गया। पर बाद में कंपनी बंद कर मंसूर खान फरार हो गया। इस ग्रुप के ज्वेलरी के अलावा, रियल एस्टेट, बुलियन ट्रेडिंग, दवाई, एजुकेशन जैसे सेक्टर में भी कारोबार चल रहे थे। इस पूरे मामले की जांच अब सेंट्रल क्राइम ब्रांच करेगी।
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